प्रेस विज्ञप्ति
जल संचय जीवन संचय
उत्तराखंड जल संस्थान
विभाग राज्य के लोगों को निरंतर, पर्याप्त, स्वच्छ पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने के मूल उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए ईमानदारी से प्रयास कर रहा है।
कुछ शहरों/क्षेत्रों में दूषित जल आपूर्ति की खबरें प्रकाशित होती हैं। इस सम्बन्ध में नागरिकों से निम्नानुसार सहयोग प्रदान करने का अनुरोध किया जाता है:
- पेयजल एवं सीवर से सम्बन्धित शिकायतों के लिए “शिकायत निवारण केन्द्र” के टोल-फ्री नम्बर 1800-180-4100 पर सम्पर्क करें।
- समस्या का कारण मुख्यतः पाइप लाइन में लीकेज है, जो जल संस्थान की पाइप के साथ-साथ उपभोक्ता के कनेक्शन की अधिकांश पाइपें ऐसी हैं, जो नाली/सीवर मैनहोल के अन्दर/से होकर गुजरती हैं। अपने आसपास लगे पाइपों की लीकेज पर विशेष ध्यान दें और छोटी से छोटी लीकेज की सूचना जल संस्थान के क्षेत्रीय कार्यालय/मुख्यालय को दें।
- यदि विभागीय कर्मचारियों द्वारा निरीक्षण के दौरान किसी व्यक्तिगत कनेक्शन की पाइप में लीकेज पाई जाती है तो बिना किसी पूर्व सूचना के तत्काल कनेक्शन काट दिया जाएगा और जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
- प्रदूषण की समस्या का दूसरा बड़ा कारण लाइन पर सीधे टुल्लू पंप लगाना है। पंप लगाने से लीकेज वाले स्थानों पर एकत्रित गंदा पानी पाइप लाइन में चला जाता है और प्रदूषण की समस्या उत्पन्न होती है।
- यदि पानी देखने में साफ न हो या उसमें अशुद्धियां दिखाई दे रही हों या दुर्गंध आ रही हो तो क्लोरीन की गोलियां प्रयोग करें। आमतौर पर जलापूर्ति शुरू होने पर कुछ समय तक गंदा पानी आने की शिकायत रहती है, बाद में पानी साफ हो जाता है। स्वच्छ जल एकत्रित करें।
इसके अलावा, ताकि हम आपकी बेहतर सेवा कर सकें, हम आपसे निम्नलिखित अनुरोध करते हैं:
- पीने का पानी अनमोल है, कृपया इसका उचित उपयोग करें।
- पीने के पानी की बर्बादी और अवैध उपयोग किसी और को प्यासा छोड़ सकता है, इसलिए कृपया ऐसा न करें।
- समय पर विभाग को बकाया राशि का भुगतान करके पेयजल व्यवस्था में सहयोग करें।
विशेष सूचना:
उपभोक्ता कृपया विशेष ध्यान दें कि 31-03-2025 तक अपने जल शुल्क/सीवर सीट शुल्क की शेष राशि का एकमुश्त भुगतान करने पर उन्हें विलम्ब शुल्क में 100% छूट मिल सकती है।